गाड़ियों का सैलाब खड़ा था - कुछ जवाँ खूबसूरत सी कार थीं और कुछ उम्र-दराज़, पर तजुर्बेकार गाड़ियाँ। ट्रैफिक जाम में फँसे हुए हॉर्न के जरिये कुछ से बात की, अपने सुख दुःख बाँटे, कुछ मज़ाक किया; थोड़ा लगाव हुआ ही था कि ट्रैफिक खुला और एक मोड़ आ गया
छोटा सा साथ था, छोटी सी कहानी थी
Good one... keep writing dear Abhinav...