वीरान सा शहर हुआ करता था, सही मायने में तो गाँव ही था। दिल्ली वाली सड़क भी कच्ची थी, पहुँचने में घंटो लग जाते। अब देखो कितना बड़ा शहर हो गया है, रोड़ भी अब 6 लेन चौड़ी है। पहुँचने में मगर अभी भी घंटों ही लगते है - आखिर तरक़्क़ी और ट्रैफिक भी तो साथ साथ चलते हैं
सड़क
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वीरान सा शहर हुआ करता था, सही मायने में तो गाँव ही था। दिल्ली वाली सड़क भी कच्ची थी, पहुँचने में घंटो लग जाते। अब देखो कितना बड़ा शहर हो गया है, रोड़ भी अब 6 लेन चौड़ी है। पहुँचने में मगर अभी भी घंटों ही लगते है - आखिर तरक़्क़ी और ट्रैफिक भी तो साथ साथ चलते हैं