रूही और राघव की पसंद-नापसंद एक जैसी थी, दोनों को बारिश बहुत पसंद थी, और साथ में चाय हो जाए तो सोने पे सुहागा हो जाता। किताबें पढ़ने का भी शौक़ था, और दोनों प्रेमचंद की कहानियों के दीवाने थे.. आह! इस महानगर की दौड़ती-भागती भीड़ में ना दोनों कभी मिले और ना ही ये कहानी आगे बढ़ी
कहानी
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रूही और राघव की पसंद-नापसंद एक जैसी थी, दोनों को बारिश बहुत पसंद थी, और साथ में चाय हो जाए तो सोने पे सुहागा हो जाता। किताबें पढ़ने का भी शौक़ था, और दोनों प्रेमचंद की कहानियों के दीवाने थे.. आह! इस महानगर की दौड़ती-भागती भीड़ में ना दोनों कभी मिले और ना ही ये कहानी आगे बढ़ी